इश्क क्या है यह तो नहीं जानता... इश्क क्या है यह तो नहीं जानता...
कहीं और अब हमको सुकून नहींं आता शायर बनकर लिखेंगे नगमे तुम्हारी चाहत के क्योंकि इज़हार-ए-इश्क़ अ... कहीं और अब हमको सुकून नहींं आता शायर बनकर लिखेंगे नगमे तुम्हारी चाहत के क्...
ये इश्क़, ये उल्फ़त, ये प्यार और ये मोहब्बत ये इश्क़, ये उल्फ़त, ये प्यार और ये मोहब्बत
अब तो प्यार का सैलाब भी बेमायने था उनके लिए। अब तो प्यार का सैलाब भी बेमायने था उनके लिए।
पलना उम्मीद का न झूलाओ रहने दो न छेड़ो बेपीर बेजुबाँ मेरी चाहत को नगमों से बेनज़ीर पलना उम्मीद का न झूलाओ रहने दो न छेड़ो बेपीर बेजुबाँ मेरी चाहत को नगमों ...
ना बनाए कभी भी किसी को दिल का मेहमान। ना बनाए कभी भी किसी को दिल का मेहमान।